On Page SEO kaise kare ? – इंटरनेट एक बहुत ही बड़ा नॉइस मार्केटप्लेस है। जहां करोड़ों वेबसाइट और ब्लॉग मौजूद है। प्रतिदिन हजारों की तादाद में ब्लॉक बन भी रहे हैं। ऐसे में खुद की वेबसाइट की अलग पहचान बना पाना सच में बहुत ही बड़ा मुश्किल काम है। अगर सर्च इंजन के पहले पेज में रैंक ना हो तब ट्राफिक की बहुत बड़ी समस्या आती है।
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दोस्तों आप सोच रहे होंगे की अपने ब्लॉक के ट्रैफिक कैसे बढ़ाएं? On page SEO एकमात्र साधन होता है या ऐसा भी कह सकते हैं वह एकमात्र हथियार है जिससे कि आप अपने वेबसाइट को सही तरीके से रैंक कर सकते हैं। साथ में उसे इंटरनेट में visible भी बना सकते हैं।
बीते हुए कुछ वर्षों से On Page SEO के “rules” बहुत बदल गए हैं क्योंकि गूगल हमेशा अपने viewers को best result देना है। अब तो एक standard search result Page में से pages को show किया जाता है जिसमे की आपको उनके title tag , या meta description में शायद exact match query या keyword न भी मिले।

आसान भाषा में SEO(Search Engine optimization) टेक्निक्स को कहा जाता है जिन्हें यदि कोई ब्लॉगर अपने वेबपेज में इम्प्लीमेंट करें तब वह गूगल में आसानी से अपने आर्टिकल्स रैंक कर सकता है। और जितनी अच्छी आप रैंक करेंगे उतना ज्यादा काफी आपके ब्लॉक में आने की संभावना है।
SEO को दो काटेगोरिस में विभाजित किया गया है,जो है On Page SEO और Off Page SEO.
On Page SEO उन सभी चीज़ो को रेफेर करता है जिन्हे आआप वेबसाइट के बहार कर सकते हैं। इससे ये आपको सर्च इंजिन्स में हाई रैंक करने में मदद करेगा। इसमें सोशल नेटवर्किंग, आर्टिकल सबमिशन,फोरम और ब्लॉग मार्केटिंग, आदि मुख्या है। दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपको On Page SEO क्या होता है और आप On Page SEO टेक्निक्स का इस्तेमाल कैसे कर सकते है, इसकी पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है ।
On Page SEO क्या है?

On Page SEO एक वेबसाइट में उन मल्टीप्ल कंपोनेंट्स को रेफेर करता है जिसमे की उस वेबसाइट को सही ढंग से ऑप्टिमाइज़ किया जा सकें। इसका लक्ष्य साइट के पेजेज को ऐसे सेट करना है जिसमे की वो सर्च इंजन की टॉप पेजेज में दृश्यमान हो और ज्यादा ट्रैफिक कैप्चर कर सके। ऐसा करने के लिए यूजर को उसके कंटेंट,आर्किटेक्चर और HTML code को ऑप्टिमाइज़ करना होगा।
On Page SEO एक वेबसाइट में उन मल्टीप्ल कंपोनेंट्स को रेफेर करता है जिसमे की उस वेबसाइट को सही ढंग से ऑप्टिमाइज़ किया जा सकें। इसका लक्ष्य साइट के पेजेज को ऐसे सेट करना है जिसमे की वो सर्च इंजन की टॉप पेजेज में दृश्यमान हो और ज्यादा ट्रैफिक कैप्चर कर सके। ऐसा करने के लिए यूजर को उसके कंटेंट,आर्किटेक्चर और HTML code को ऑप्टिमाइज़ करना होगा।
On Page SEO का हर फैक्टर इंटरफ़ेस में यूजर के द्वारा ही कण्ट्रोल किया जाता है। इसलिए इसे सही ढंग से करा बहुत ही महत्वपूर्ण है। On Page दोनों content और HTML source code को एक पेज का रेफेर करता है।Off Page SEO लिंक्स और द्दूसरे एक्सटर्नल सिग्नल्स को रेफेर करता है। जब दोनों SEO techniques को सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तब ये आपके पेज को गूगल में हायर रैंक करने में मदद करेगा। एक यूजर नहीं वेबसाइट को इंटरेक्ट करने के लिए उस वेबसाइट में करीब 8 सेकंड तक ही रहता है। जीतनी ज्यादा इंटरेक्शन और इंगेजमेंट होगी और साथ में यूजर जितना यदा आपके साइट में रहेगा उतना ही बेहतर उनका एक्सपीरियंस भी रहेगा।
अगर सही मायने में On Page SEO को इम्प्लीमेंट किया जाए तो आपको जरूर अपने ब्लॉग की ट्रैफिक में एक boost दिखाई देगा।
On Page SEO कैसे करें?

On Page SEO में वो सभी on-site techniques शामिल होती है,जिन्हे आप अपने वेब पेजेज में इम्प्लीमेंट कर सकते है। जिससे की वो SERP में ऊपर रैंक करें। ये दोनों पेज की क्वालिटी को इम्प्रूव करने के लिए कंटेंट और टेक्निकल एलिमेंट्स का इस्तेमाल करता है। इसलिए जितने अच्छे तरीके से आप On Page SEO करेंगे उतनी ही आपके वेबसाइट को ज्यादा रेलेवेंट ट्रैफिक आये उसकी ज्यादा सम्भावना है। वैसे तो On Page SEO के बहुत से अलग अलग टेक्निकल आस्पेक्ट्स है जिन्हे की ऑप्टिमाइज़ किया जा सकता है, उनमे ये मुख्य है:
- title tag
- Heading
- URL structure
- Alt text for images
- Site speed
- Internal links
- Meta descriptions
- Responsiveness
On Page SEO Techniques
चलिए On Page SEO के बेस्ट प्रैक्टिस के बारे में जानते है।
Title tag उन HTML elements को कहा जाता है जिन्हे आप webpages का नाम देने के लिए इस्तेमाल करते है,और ये SERPS में clickable result Title के रूप में display होते है।
हर एक Title tage unique descriptive होनी चाहिए, साथ ही में उसे उस Page के विषय में जानकारी प्रदान करनी चाहिए की वो पेज किस विषय में है। इन्हे एक Keyword के साथ optimize भी करना होता है इनकी length 60 character के भीतर होनी चाहिए।
Heading वो Title होते है जिन्हे आप अपने content को देते है,और बेहतरीन परिणाम के लिए heading H1 formate में ही होना चाहिए। heading हमेशा relevent और descriptive शब्दों पर ही focused होना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें keywords के साथ optimize करना चाहिए,जिससे ये बिलकुल भी stuff जैसे न लगे। साथ में आप अपने content को subheading (H1 से लेकर H2 तक) का इस्तेमाल कर छोटे छोटे हिस्सों में भी break कर सकते है।
URL Structure का महत्व तब बढ़ जाता है जब search engine ये determinate करते है की एक query की तुलना में एक Page कितनी ज्यादा relevent होती है। साथ ही में ये थोड़ी बहुत Page के हिसाब से descriptive जरूर होनी चाहिए। यूज़र्स चाहें तो keywords के साथ URLs को भी optimize कर सकता है,जब तक की वो relevent हों।
Alt text या alternative text एक image के विषय में search engine को ज्यादा information प्रदान करता है। इसका ज्यादा इस्तेमाल web visitor के लिए image को describe करने के लिए होता है जो की उन्हें देख नहीं पाते। इसलिए Alt text image content के लिए बहुत ही specific और descriptive होना चाहिए,वे 125 character या उससे कम ही होनी चाहिए। और इसे keywords या phrase के द्वारा optimize करना चाहिए अगर वो appropriate हों केवल तब।
Page load speed बहुत ही important होता है क्योंकि slow -loading pages की ज्यादा high bounce rating होती है। यह सर्वे से पता चला है की ज्यादातर लोग ये चाहते है की उनकी site २ से ४ सेकंड में खुल जाए,और केवल ४० प्रतिशत ४ सेकंड के बाद ही चले जाते है। ऐसे में सर्च इंजन उन slow-loading pages को lower ranking से penalize करते है।
Internal link ये visitor को साइड में आसानी से nevigate करने के लिए बहुत ही ज्यादा मदद करते हैं साथ ही इसमें यह सर्च इंजन की भी मदद करते हैं आपकी साइट को समझाने के लिए और pages को index करने के लिए भी, जिससे कि आप आसानी से higher rank पा सकते हैं। कम से कम आप अपने साइड के प्रत्येक पेज को उसके कैटेगरी या sub category Page के साथ लिंक पर तो कर ही सकते हैं।
Meta desciption ज्यादातर छोटे होते है, लेकिन अलग-अलग description जो की title tag में एक्सपैन्ड करते है, ये Page की content को sumerize करते है। Meta description Title और URL के नीचे दृश्यमान होते है। इसे 160 character के भीतर ही सीमीत रखना होता है।
Responsivness एक design element होता है जो की ये ensure करता है की आपका Page सही ढंग से किसी भी device में display करेगा। जिसमे मोबाइल devices और desktop भी शामिल है। यह आगे चलकर भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर होने वाला है क्योंकि धीरे धीरे पुरे विश्व के लोग online search के लिए मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल कर रहें हैं।
Keywords : सबसे ज्यादा महत्व रखने वाला जो element होता है वो है Keyword । ये आपके On Page SEO stretegy को एक दूसरे के साथ बंधे हुए होता है। इन्हे सभी technical elements के साथ मिलाया जा सकता है,जिससे की viewer आपके पास सही समय में पहुंच सकें। इन्हे ज्यादा effective बनाने के लिए Keywords को जयदा reserched करना होता है और साथ में उन्हें carefully select भी करना होता है। इसके अलावा उन्हें content में बहुत ही natural तरीके से implement भी करना होता है,जिससे की stuffing की समस्या उत्पन्न न हो।
On Page SEO में कंटेंट का महत्व
Content On Page SEO का बहुत ही crucial element होता है, क्योंकि यही वो चीज़ है जो की आपकी साइट को ट्रैफिक में लता है। अभी के वेब यूज़र्स हमेशा relevent ,interesting ,enaging ,और informative Content की तलाश कर रहे हैं, जो की उनके जरूरतों को पूर्ण कर सकें।
Content के बहुत से प्रकार है जैसे की:
- Blogs
- Web Page copy
- Video
- infographics
- Podcasts
- Whitepapers
- Ebooks
- Interviews
- Case studies
- Original reserch
- Reviews
- Instructional articles
- Quizzes and poles
वहीँ एक जरूरी बात यह भी है की viewers उन contents को पसंद करतें है जिसमे की login की जरूरत हो या वो कोई copyrighted material हो।
On Page SEO करना क्यों जरूरी होता है?
ज्यादातर लोगो के पास SEO की basic जानकारी ही होती है जिसमे उन्हें On Page SEO में केवल कीवर्ड्स को पेज में प्लेस करने ही आता है। On Page Optimization के लिए Keywords बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन इसके साथ और भी बहुत सी चीज़े होती है जिसे जनना और उसे implement करना बहुत ही जरूरी होता है।
On Page Optimization में:
- Keywords
- copywriting
- media
- links
- User experience(UX)
- और साथ में conversion.
On Page SEO factor को सही ढंग से समझना और उसे execute करना बहुत ही जरूरी है क्योंकि इसी के द्वारा यूज़र google में ऊपर रैंक कर सकता है।
On Page SEO के major factors :
On Page SEO के बहुत से factors है लेकिन इस आर्टिकल में हुम कुछ specefic factor के बारे में जानेंगे। factors को दो हिस्सों में devide किया जाता है, पहला है front -end और दूसरा है backend factor.
Front-End Factors:
ये उन फैक्टर्स को कहा जाता है जो की विज़िबल होते हैं यूज़र्स को जो साइट को विसिट करने आते है ।
- Value
- User Experience
- Keywords और Content
Back-End Factors
backend में, Google आपके Page की relevance के हिसाब से कुछ opinion बना रहा है, जिसमे कुछ चीज़े शामिल है,जैसे की:
- Bot-friendliness
- Metadata
- Mobile-friendliness
On Page SEO क्या है On Page SEO kaise kare ?
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Q1. What is on-page and off-page SEO? Do you know?
Yes, I know. On-page SEO refers to optimizing individual web pages to rank higher and earn more relevant traffic from search engines. This includes optimizing content, meta descriptions, header tags, images, internal links, and other on-page elements.
Off-page SEO refers to optimization strategies that occur outside of your website and influence your website’s ranking in search engine results. This includes building backlinks, engaging in social media marketing, and other strategies to increase the authority and credibility of your website. Both on-page and off-page SEO are important for achieving higher search engine rankings and increasing traffic to your website.
Q2.
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